बदलते वक़्त के साथ इंसान के दिल में दया शब्द ख़त्म होता जा रहा है। लोग किसी की परेशानी समझना ही नहीं चाहते। प्रत्येक वर्ष 13 नवंबर को World Kindness Day (विश्व दयालुता दिवस) मनाया जाता है। World Kindness Day सकारात्मक शक्ति और दया की डोर पर आधारित हैं जो समाज में अच्छे कामों को उजागर करने के लिए लोगों को प्रेरित करता है।
दया मानव परिस्थितियों का मूलभूत हिस्सा है जो नस्ल, धर्म, राजनीति, लिंग और पिन कोड की भावनाओं से कहीं अधिक परे है। यह वास्तव में सच है कि दयालुता एक शक्तिशाली उपकरण की तरह है जो हमें एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकती है जो एक बेहतर, उज्जवल भविष्य का वादा करती है।
World Kindness Day की शुरुआत साल 1998 में World Kindness Movement Organization द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना 1997 के टोक्यो सम्मेलन में दुनिया भर के दयालु संगठनों द्वारा की गई थी। साल 2019 में, इस संगठन को स्विस कानून के तहत एक आधिकारिक एनजीओ के रूप में पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में, World Kindness Movement में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है।
World Kindness Day के दिन, लोग व्यक्तिगत और सांगठनिक दोनों ही स्तरों पर समाज में दया और करुणा से प्रेरित कार्यों के प्रसार और उनके प्रति प्रतिबद्धता की शपथ लेते हैं। इस तरह से विश्व दयालुता दिवस की मुहिम से जुड़ने वाला हर प्रतिभागी इस दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में अपना सकारात्मक योगदान देता है।
कहा जाता है कि दयालुता दिखाने वाले लोगों पर भगवान की असीम कृपा बनी रहती है। इस बात में भी सच्चाई है कि दया करने पर आत्म संतोष भी होता है। जॉन रस्किन ने दयालुता पर कहा था, ‘एक छोटे से विचार और थोड़ी सी दयालुता अक्सर बहुत अधिक पैसे से अधिक मूल्यवान होती है। दयालुता पर बड़े -बड़े महापुरुषों ने अक्सर अपने विचार रखे हैं।
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