वकीलों की गैरमौजूदगी पर जताई नाराजगी
दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का हल्ला बोल जारी है। किसानों के प्रदर्शन को करीब दो महीने होने को हैं और किसान लगातार सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि फिलहाल तीनों कानूनों पर रोक लगाई जाए। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन भी किया है लेकिन इस दौरान चीफ जस्टिस नाराज भी दिखे। दरअसल किसान यूनियन के चारों वकील सुनवाई के दौरान नाराज नहीं थे जिससे चीफ जस्टिस नाराज नजर आए। बता दें कि ये चारों वकील दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, कॉलिन गोंसाल्विस और एचएस फूलका हैं।
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इन चारों वकीलों में से कोई भी सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं था। जिस पर सीजेआई ने कहा कि बार के वे सदस्य जो पहले अदालत के अधिकारी हैं और फिर अपने मुवक्किलों के वकील हैं उनसे अदालत की ओर वफादारी दिखाने की उम्मीद की जाती है। आप अदालत के समक्ष तभी आएंगे जब आपके अनुरूप होगा। अगर चीजें आपके अनुरूप नहीं होंगी तो आप अदालत में नहीं आएंगे। ऐसा किसी भी सूरत में नहीं चलेगा
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