बुंदेलखंड किसान यूनियन अध्यक्ष ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने की मांग की
यूपी में बुंदेलखंड की सरजमी पर जनपद बांदा का नाम खनिज संपदा के लिए एक बेशुमार शहरके नाम उभर कर आता है। जहां खनिज संपदा की संपत्ति को संविधान के विधि सम्मत वैध खनन को अवैध खनन करवाने में प्रशासनिक तंत्र जरा भी गुरेज नहीं करते और वैध की आड़ में अवैध खनन जारी रहता है। वहीं में अवैध खनन को लेकर के संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासनिक तंत्र के लोगों को अवगत भी कराया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद सामाजिक संगठन के लोगों ने भी इस खनन की परिचर्चा में शामिल होकर के अवैध खनन की आवाज को बुलंद कर दिया। आपको बता दें कि बांदा के अतर्रा में संचालित खदान में बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष औऱ कार्यकर्ताओं के द्वारा नदी की जलधारा में विरोध प्रदर्शन करते हुए जल सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया गया है।
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बता दें कि बांदा में संचालित मोरम खदानों के पट्टों में वैध की आड़ में अवैध खनन जारी है, वहीं संबंधित प्रशासनिक अधिकारी और खनिज अधिकारी के द्वारा उदासीन कार्यशैली को अपनायाजा रहा है। जिसको लेकर बांदा के अतर्रा के अंतर्गत संचालित खदान में बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के द्वारा नदी की जलधारा में खड़े होकर कार्यकर्ताओं के साथ औऱ किसानों के सहयोग से जल सत्याग्रह शुरू किया गया। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्या इस जल सत्याग्रह से संबंधित जिले के प्रशासन पर किसी प्रकार का कोई असर पड़ेगा? वहीं जल सत्याग्रह करते हुए बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन और खनिज अधिकारी की मिलीभगत से माफिया वैध की आड़ में अवैध तरीके से खनन कर रहे थे और जो वैध पट्टे का सीमांकन है उससे अधिक 1 किलोमीटर के दायरे तक का अवैध तरीके से नदी से बालू निकालकर के कालाबाजारी कर दी गई। सत्याग्रह करने का मुख्यउद्देश्य किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासन के द्वारा यहां के ग्रामीणों के द्वारा कई बार शिकायती पत्र देकर के समस्या बताई गई लेकिन कार्रवाई न होने के कारण मजबूरी बस उन लोगों ने अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है, अपनी मांगों में उन्होंने बताया कि हमारी मांगे हैं कि अवैध तरीके से किए गए खनन को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित खनिज अधिकारी के द्वारा खनन पट्टे धारक के खिलाफ एफआईआरदर्ज करवा के विधि सम्मत कार्रवाई करें और अवैध खनन पर अंकुश लगाएं।
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