Uddhav Thackeray की नहीं थम रहीं मुश्किलें, दफ्तर पर भी हुआ शिंदे का कब्ज़ा

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Uddhav Thackeray के लिए खुद की पार्टी का वजूद बचाना अब मुश्किल होता जा रहा है। आज का दिन भी Uddhav Thackeray के लिए दोहरे झटके वाला रहा है। पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और उसका चुनाव निशान तीर-कमान एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। इसके अलावा विधानसभा में स्थित शिवसेना के दफ्तर को भी एकनाथ शिंदे गुट के हवाले कर दिया है। एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात करके इसकी मांग की थी। इसके बाद स्पीकर ने यह फैसला लिया।

देखने वाली बात ये है कि शिवसेना के हाथ से विधानसभा का दफ्तर चला गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने Uddhav Thackeray गुट के वकील से कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई नहीं हो सकती। बेंच ने कहा कि आप कल अर्जी दाखिल करिए, फिर विचार करते हैं।

Uddhav Thackeray ने आज विधायकों और बड़े नेताओं की मीटिंग भी बुलाई है। माना जा रहा है कि इस दौरान वह कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिस अर्जी पर तत्काल सुनवाई की मांग की जा रही है, वह लिस्ट में मेंशन ही नहीं थी। इसलिए कल इसे लिस्ट में मेंशन किया जाए और फिर सुनवाई पर विचार किया जाएगा। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी के जवाब में एकनाथ शिंदे ने भी कैविएट दाखिल की है।

शिंदे गुट का कहना है कि उनका पक्ष सुने बिना शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कोई फैसला ना दिया जाए। बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार शाम को शिवसेना के सिंबल और नाम को एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला दिया था। इस फैसले के बाद से ही उद्धव ठाकरे गुट भड़का हुआ है और भाजपा पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा रहा है। वहीं एकनाथ शिंदे गुट आयोग के फैसले से खुश है और उसका कहना है कि असली शिवसेना होने के हमारे दावे पर मुहर लग गई है।

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