पंचायत चुनाव के लिए नहीं की वर्चुअल रैली- राजीव कुमार
सवाल- आपने सबसे पहले कोरोना वायरस काल में विकास को लेकर एक योजना चलाई थी, उसमें आपका क्या सहयोग रहा जनता के प्रति?
जवाब– कोरोना वायरस सरकार काल में विश्व में उच्चस्तरीय काम किया है और अगर मैं प्रदेश की बात करूं तो आज उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 23 करोड़ होने के बावजूद कोरोना का ग्राफ यहां न्यूनतम स्तर पर है, और लोगों ने भी क्षेत्र में महसूस किया होगा कि जहां दूसरे प्रदेशों में, मैं किसी एक प्रदेश का नाम नहीं लूंगा लेकिन जहां पर कोरोना मरीज जाकर कहता है मुझमें यह सिम्टम्स है मुझे एडमिट कर लो वहां एडमिशन नहीं मिलता। यहां यदि सरकारी अधिकारियों को चिकित्सा अधिकारियों को यह ज्ञात होता है कि किसी में लक्षण हैं तो तुरंत वहां पर टीम भेज दी जाती है और उनका चिकित्सीय परीक्षण करा कर उसको तुरंत एडमिट किया जाता है और उनसे संबंधित जो लोग होते हैं, यदि क्वॉरेंटाइन की आवश्यकता है तो क्वॉरेंटाइन किया जाता है। कोविड केयर सेंटर में ले जाने की आवश्यकता है तो कोविड केयर सेंटर भेजा जाता है। यही कारण है कि यहां पर 23 करोड़ जनसंख्या होते हुए भी कोरोना वायरस का ग्राफ न्यूनतम है।
सवाल- हम जानना चाहते हैं कि लॉकडाउन है, तो जो लोग गरीब हैं, जो घर से नहीं निकल पाए उनकी नौकरी भी छूट गई। तो उनका आपने क्या सहयोग किया?
जवाब- देखिए यह वैश्विक महामारी है, निश्चित रूप से हम भी इससे अछूते नहीं हैं। बहुत से लोगों के रोजगार बंद हुए। जो दिहाड़ी बंद हुई है, जो रोजाना कमाने खाने वाले लोग थे उनका रोजगार ठूटा तो इसमें हम लोगों ने जितने भी आसपास के लोग थे। उनका खाने पीने का प्रबंध किया और यदि कोई दूर है तो फोन द्वारा हमने किसी दूसरे अधिकारी से निर्देश देकर, पार्टी पदाधिकारी उनको समझाया कि उन जरूरतमंदों की वहां पर मदद की जाए। इसके अलावा एसडीएम द्वारा यहां तहसील में फूडबैंक बनाया गया और यहां पर हमने अपने लोगों ने दान भी किया। इसके अलावा यदि किसी को चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता है, किसी को पैसे की कोई ऐसी आवश्यकता है तो उसकी हमने मदद की।
सवाल- कितना विकास कार्य किया और जनता को सरकारी लाभ कितना मिल रहा है?
जवाब– हमारी सरकार में बहुत सारी लाभान्वित योजनाएं चलाई हैं। जिसमें मैं बड़ौत की बताऊंगा तो यहां शहरी आवास योजना के तहत बहुत से जिनके पास अपना मकान नहीं था उन लोगों के मकान बनवाए। इसके अलावा सौभाग्य योजना के तहत बिजली के कनेक्शन फ्री दिए गए। उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन फ्री दिए गए। इसके अलावा जरूरतमंदों की मदद के लिए हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निर्देश दिए थे, उनको भी जितनी सहायता की आवश्यकता है की जाये। इसके अलावा विकास की बात करें तो बड़ौत में दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग जो दिल्ली से सहारनपुर होता हुआ यमुनोत्री तक जाता है। वो फोरलेन पूरा हो गया है। इसके अलावा छपरौली में जो हरियाणा को जोड़ने वाला पुल है वो लगभग 70 परसेंट पूरा हो चुका है। बड़ौत-मुजफ्फरनगर रोड चौड़ीकरण हो चुका है। बड़ौत बहालगढ़ से मेरठ मार्ग पर काम शुरू हो चुका है।
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सवाल- पंचायत चुनाव आ गए हैं, इससे पहले आपने जो जगह-जगह रैली की थी और जो विकास कार्य किए इसका असर भी पंचायत चुनाव में देखने को मिलेगा?
जवाब– अबकी बार जितना पैसा पंचायतों को दिया गया, मैं नहीं समझता कि उतना पैसा पिछले सालों में ग्रामीण विकास में दिया गया होगा। हमारी सरकार में बेसिक शिक्षा और प्राइमरी विद्यालय में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो पंचायत का पैसा है, उस पैसे को अपने बेसिक शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर में लगाएं। वहां पर मूलभूत सुविधाओं के लिए लगाएं। चाहे वो शौचालय हो चाहे, गार्डन हो, चाहे वो भवन निर्माण हो या उसका मेंटेनेंस हो। और उसी का नतीजा है कि आज प्रत्येक गांव में जो प्राइमरी स्कूल हैं उनकी कायाकल्प हो चुकी है। बहुत से गांव है जहां पर बिजली की समस्या थी अब बिजली घर वहां पर बन चुके हैं और गांव में जो लिंक रोड थी वो बन चुके हैं।
सवाल- मुख्यमंत्री जी और प्रधानमंत्री जी ने बहुत सी योजनाएं निकाली होंगी। विकास की बात आप जो करना चाहते हैं उसके बारे में मैं आपसे कुछ बतायें? विकास के लिए यह जो पैसा मंजूर होकर आया उसका लाभ लोगों को मिल पा रहा है क्या?
जवाब– ऐसा नहीं है। हमारी सरकार का तो संविधान रहा है अंत जोड़ें यानि कि जो अंतिम व्यक्ति है उस तक लाभ पहुंचे और आज यदि आप गांव में जाएंगे तो देखेंगे कि शहरों से गांव में लोगों ने पलायन किया। अगर गांव में उनको खाने की गारंटी, रहने की सुविधा ये सब कुछ मिल रहा है तब ही तो वो लोग अपने गांव की तरफ पलायन करके आए। आज मैं यह मानता हूं कि गांव में जितना काम हमारी सरकार ने किया है उतना किसी की सरकार में काम नहीं हुआ है। आप बिजली को ही ले लें पहले क्या होता था, सबसे बड़ी समस्या गांव में बिजली की होती थी। किसान तरसता था कि जैसे ही उन्होंने अपने खेत में ट्यूबवेल चलाई, एक घंटा लाइट आई और फिर लाइट चली गई। उसका पानी बंद हो गया। फिर दोबारा एक घंटा में ट्यूबवेल चलाने पर जहां तक पानी पहले पहुंचा था दोबारा वहां तक पहुंचा उसके बाद फिर लाइट चली गई। ये बड़ी समस्या थी किसान के सामने। इसके अलावा लोग पैसा ना होते हुए भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए शहरों की तरफ पलायन करने के लिए मजबूर थे। लेकिन बिजली के कारण आज सभी सुविधाएं वहां पर हैं और अब बच्चों को पढ़ाई में समस्या नहीं है। गांव के लोगों को जो इक्विपमेंट थे, चाहे वो फ्रिज हो, चाहे वो कूलर हो और अन्य बिजली के उपकरण हो वो सब सुचारू रूप से वहां चलते हैं और गांव का और शहर का जो फासला था हमारी सरकार ने उसे खत्म करने का काम किया है।
सवाल- सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी यह है कि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के ने एक योजना चलाई थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिल माफ कर दिया जाएगा उसके बारे में क्या कहना चाहते हैं?
जवाब– अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। सरचार्ज माफ करने की घोषणा की गई थी। वो भी जो व्यापारी लोग थे उनके लिए थी। कि जो फैक्ट्री बंद है तो उसका जो फिक्स चार्ज है उसको माफ करने की घोषणा की गई थी उसको हमारी सरकार अमल में ला रही है।
सवाल- ग्रामीण क्षेत्र में जो गरीब लोग हैं, जो मजदूर लोग हैं, रोज कमाने वाले लोग हैं उनके लिए काफी योजना घोषित की थी और वह न्यूज़ में लगातार चलती रही, ये योजनाएं थी कि लॉकडाउन में जो बिल होगा, उसे माफ किया जाएगा तो वो हो क्यों नहीं हो पा रहा है तो उसके बारे में क्या कहेंगे?
जवाब– मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई घोषणा हुई होगी। गांव में हमारी सरकार मदद कर रही है जो शहरों से पलायन करके मजदूर आया था उसको मनरेगा के द्वारा या विभिन्न योजनाओं के द्वारा सबसे ज्यादा काम देने का काम उत्तर प्रदेश सरकार ने जो किया है अभी भी आप देखते ही होंगे कि योगी जी ने इतने लाख लोगों को रोजगार कोरोना काल में दे दिया है। यदि सबसे आसपास के क्षेत्रों में मैं बताऊं तो मैं यह मानता हूं कि सबसे ज्यादा रोजगार जो पलायन करके यहां पर दिहाड़ी मजदूर आया था उसको रोजगार देने का काम उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है। और आपने देखा होगा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां पर आए आपने कभी नहीं सुना होगा कि यहां पर आने के बाद उसे किसी प्रकार की परेशानी या समस्या रही हो। चाहे वो खाने की हो या रोजगार की हो। तो उन सबको माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी और कोई समस्या अभी तक उनको नहीं हुई।
सवाल- तो जो मजदूर गैर प्रदेश से आए हैं वो अपने जनपदों से बागपत में कितने आए हैं और सभी मजदूरों को कितना रोजगार दिया गया है?
जवाब– बागपत में जितने प्रवासी मजदूर आए थे, उनको क्वारंटाइन करने के बाद उनके घरों को भेजा गया और उनकी एक सूची बनवाई गई। उस सूची में यह भी देखा गया कि कौन मजदूर किस स्किल से जुड़ा है। कुछ यहां पर स्किल लेवल भी हैं। प्रदेश स्तर पर हमारी एक लिस्ट बन गई है उसमें श्रमिकों को उसी के स्किल्स के हिसाब से रोजगार दिया जा रहा है। आप देखते होंगे की मनरेगा का जो काम बंद पड़ा ता वो कोरोना काल में शुरू किया गया। और जितने मजदूर यहां आए थे उनको काम देने का काम माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किया है।
सवाल- रैली और यात्रा करने के क्या कारण है क्या उनका कोई कनेक्शन पंचायत चुनाव से है?
जवाब– हमारी वर्चुअल रैलियां हुई हैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से। इसका उद्देश्य जनता को जागरूक करना है क्योंकि सरकार अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए एक संवाद स्थापित करती है और अभी कोरोना काल में प्रत्यक्ष रूप से ये रैली नहीं कर सकते, ना ही करनी चाहिए। मैं भी विपक्षियों को भी यह बात कहता हूँ और अपने पर भी हम लागू करते हैं।
सवाल- पंचायत चुनावों को लेकर क्या तैयारियां की जा रही है, क्या पंचायत चुनावों को लेकर ये रैलीयां की जा रही है?
जवाब– नहीं पंचायत चुनावों को लेकर अभी कोई रैली नहीं की है ना ही पंचायत चुनावों को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी किया है। और पंचायत चुनावों से पहले अभी तो उत्तर प्रदेश में एमएलसी की 11 सीटें विधान परिषद की खाली हुई हैं उसके चुनाव होने हैं। लेकिन उससे पहले अभी उनकी भी तारीख तय नहीं हुई है। पहले उनकी तारीख चुनाव आयोग तय करेगा उसके बाद पंचायत चुनाव है। ऐसा नहीं है कि पंचायत चुनाव के कारण कोई वर्चुअल रैली हमने की है। जनता से संवाद स्थापित करने के लिए यह रैलियां है, फीडबैक लेने के लिए ये लिया है। जो पार्टी पदाधिकारी हैं उन्हें जनता के बीच में जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उनके दुख सुख को साझा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि उनको कोई परेशानी ना आए। इसलिए हमारे शासन प्रशासन और सरकार हमारी जनता से जुड़ने के लिए ये वर्चुअल रैलियां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर रही है।
बीजेपी शिक्षा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ हुई बातचीत पर आधारित
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