Subrata Roy death: लम्बी बीमारी के बाद सहारा समूह के संस्थापक Subrata Roy का निधन

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सहारा समूह के संस्थापक Subrata Roy का लम्बी बीमारी के बाद मंगलवार 14 नवंबर को निधन हो गया। महज 2000 रुपये से शुरू किये गए फाइनेंस कंपनी के कारोबार को उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया। Subrata Roy ने वर्ष 1978 में अपने मित्र एसके नाथ के साथ फाइनेंस कंपनी शुरू की। सहारा श्री का गोरखपुर से गहरा रिश्ता रहा है। उन्होंने न सिर्फ यहां से टेक्निकल पढ़ाई की बल्कि कारोबार की शुरुआत भी गोरखपुर से की।

गोरखपुर मेरे लिए खास है

सुपर स्टार अनिल कपूर, दीया मिर्जा से लेकर बालीवुड के नामचीन चेहरों को गोरखपुर में लाने का श्रेय Subrata Roy को जाता है। ज्योतिषाचार्य कृष्ण मुरारी मिश्रा के वहां वैवाहिक कार्यक्रम में बालीवुड के सभी प्रमुख चेहरों की मौजूदगी से गोरखपुर सुर्खियों में आया था। एक बार गोरखपुर से जुड़ाव को लेकर Subrata Roy ने कहा था कि ‘जब भी गोरखपुर आता हूं, मुझे बहुत अच्छा लगता है। ये मेरा घर है। पूरी दुनिया में तमाम शहर हैं लेकिन गोरखपुर मेरे लिए खास है।’

बेरोजगारों को रोजगार देने वाली प्रमुख कंपनी सहारा थी

Subrata Roy बेतियाहाता में अधिवक्ता शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव के घर में किरायेदार थे, जहां उनके बच्चों का भी जन्म हुआ। शुरुआती दिनों में रेलवे के बाद पूर्वांचल के बेरोजगारों को रोजगार देने वाली प्रमुख कंपनी सहारा ही थी। Subrata Roy का गोरखपुर से खासा लगाव था। मीडिया क्षेत्र हो या फिर रियल इस्टेट गोरखपुर में उनकी कंपनी ने दोनों क्षेत्र में बड़ा निवेश किया। वर्ष 2000 में यूनिट का शुभारंभ करने मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन पहुंचे थे। टाउन हाल स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर छात्र संघ चौराहे पर विवेकानंद की प्रतिमा तक को संवारा।

दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ करोड़ रुपये का सफर तय किया

सिनेमा रोड स्थित कार्यालय के एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय कर किया। जहां वह छोटे-छोटे दुकानदारों से बचत कराते थे। थोड़ी पूंजी हुई तो वर्ष 1978 में औद्योगिक क्षेत्र में कपड़े और पंखे की छोटी फैक्टरी शुरू की। इस दौरान वह स्कूटर से पंखा और अन्य उत्पादों को बेचा करते थे। दुकानों पर पंखा पहुंचाने के साथ ही वह दुकानदारों को छोटी बचत के बारे में जागरूक करते थे।

इसी साल Subrata Roy ने लखनऊ में कंपनी का मुख्यालय खोला

बैंकिंग जरूरतों के साथ रोजगार के अवसर के बीच सहारा की ‘गोल्डेन की’ योजना क्रान्तिकारी साबित हुई। जिसमें समय-समय पर होने वाली लाटरी ने निम्न मध्यम वर्ग को मजबूती से जोड़ा। वर्ष 1983-84 में कारोबारी मित्र एसके नाथ ने अलग होकर दूसरी कंपनी स्थापित कर ली। इसी साल Subrata Roy ने लखनऊ में कंपनी का मुख्यालय खोला।

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