एक पिता और एक बेटी का रिश्ता बेहद ख़ास होता है। मां-बाप की देखभाल के मामले में बेटों से ज्यादा भरोसेमंद बेटियां साबित होती रही हैं। लालू यादव के केस में यह बात सौ फीसदी सही साबित हो रही है। इस वक़्त भारत की एक बेटी Rohini Acharya चर्चा में बनी हुई हैं। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के शरीर में नवंबर से दिसंबर तक उनकी दूसरे नंबर की बेटी Rohini Acharya की एक किडनी ट्रांसप्लांट हो सकती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि भारत में अंग दान करने में हमेशा लड़कियां या महिलाएं ही आगे रहती हैं। लगभग 75 पर्सेंट डोनर महिलाएं होती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि Rohini Acharya के गुर्दा दान करने के फैसले का खुद लालू यादव ने विरोध किया लेकिन पेशे से डॉक्टर 40 वर्षीय रोहिणी आचार्या की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा। Rohini Acharya ने किडनी दान के लिए जरूरी डॉक्टरी जांच पास कर ली है और वो मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हैं। डॉक्टरों की राय रही है कि कोई आदमी या औरत एक किडनी से अपना जीवन सामान्य तरीके से बिता सकते हैं जबकि किसी के भी शरीर में दो किडनी होती हैं।
Rohini Acharya ने पापा लालू यादव को किडनी दान करने के अपने फैसले को इन शब्दों में समेटा- “मेरा तो मानना है कि ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं। पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं। आप सब दुआ कीजिए कि सब बेहतर तरीके से हो जाये, और पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज़ बुलंद करें।”
Rohini Acharya ने आगे लिखा- “जिस पिता ने इस दुनिया में मुझे आवाज दी. जो मेरे सब कुछ हैं, उनके लिए अगर मैं अपने जीवन का छोटा सा भी योगदान दे पाती हूं तो मेरा परम सौभाग्य होगा। धरती पर भगवान माँ पिता होते है इनकी पूजा सेवा हर बच्चों का फ़र्ज़ है। माँ- पिता मेरे लिए भगवान हैं। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं। आप सबों के शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं भावुक हो गयी हूं।”
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