गुटखा, Tobacco पर एक साल का बैन, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

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भले ही गुटखा, तंबाकू (Tobacco) सेहत के लिए ख़राब चीज़ हों लेकिन ये जानते हुए भी लोगों ने इसे खाना नहीं छोड़ा। सेहत के साथ साथ ये आस पास का एरिया भी खराब करता है। तमिलनाडु सरकार ने गुटखा, पान मसाला, सुगंधित Tobacco और निकोटीन वाले उत्पादों के भंडारण, बिक्री और उत्पादन पर लगा बैन एक साल के लिए बढ़ा दिया है।

गुटखा, Tobacco पर लगा बैन अब मई 2024 तक जारी रहेगा। कमिश्नर ऑफ फूड सेफ्टी ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने यह फैसला लिया है। बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने सरकार के बैन को गलत ठहराया था लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। Tobacco और गुटखा निर्माताओं ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया था। 20 जनवरी को हाई कोर्ट ने सरकार का आदेश रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार अधिकतम एक साल तक इन उत्पादों पर बैन लगा सकती है।

हाई कोर्ट ने कहा था कि इस तरह लगातार बैन को आगे बढ़ाना गलत है। इसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। राजधानी दिल्ली में भी Tobacco उत्पादों के भंडारण, उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है। हाई कोर्ट ने एकल पीठ के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें प्रतिबंध के आदेश को खारिज कर दिया गया था।

इस कारोबार में लगे लोगों ने दिल्ली सरकार की अधिसूचना के खिलाफ कोर्ट का रुख किया था। साल 2022 में तंबाकू क्षेत्र के कारोबारियों के पक्ष में फैसला आया था लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले को खारिज कर दिया। पिछले साल दिल्ली के एम्स को तंबाकू फ्री जोन घोषित किया गया है। लोगों का मानना है कि गुटखा, Tobacco पर बैन न सिर्फ तमिलनाडु बल्कि बाकी जगह पर भी लगा देना चाहिए जिससे लोगों की सेहत के साथ साथ सड़के भी साफ़ रहेंगी।

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