‘Metro Train’ आज शहरों के साथ साथ लोगों की भी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है। अब आईआईटी से मोतीझील के बीच Red, Violet और Green रंग के इशारे पर Kanpur Metro Train चलेगी। पहले कारिडोर के पहले चरण में एलीवेटेड ट्रैक की सिग्नलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है।
राजकीय पॉलीटेक्निक डिपो में सिग्नल सिस्टम की टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। गुरुदेव चौराहे पर स्थित डिपो में पहले Train सेट को टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है। इससे पहले सिग्नल सिस्टम को पूरी तरह चार्ज कर दिया गया है। Metro के डिप्टी जीएम जनसंपर्क पंचानन मिश्रा के मुताबिक इस प्रक्रिया को ‘सिग्नलिंग पावर ऑन टेस्ट’ कहा जाता है। बताते चलें कि नवंबर माह में ही Metro का ट्रायल होना है। इसकी तैयारियां तेज हो गईं हैं।
नौ किलोमीटर में 29 सिग्नल लगाए जाने थे जिसमें 27 लग गए, दो लगाए जा रहे हैं। जो सिग्नल लगाए गए हैं उसमें Red, रंग Train को रुकने का संकेत देगा, जबकि Violet रंग का सिग्नल होने पर Train को एक निर्धारित गति सीमा पर आगे बढ़ने की अनुमति होगी। इस रंग का संकेत तब मिलता है, जब ट्रैक पर कुछ ही दूरी पर दूसरी ट्रेन भी मौजूद हो। Green रंग का सिग्नल तब मिलेगा जब आगे का रूट पूरी तरह क्लीयर हो। कोई और Train न हो जिससे भरपूर रफ्तार मिल सके। हालांकि सफेद रंग का भी सिग्नल है जो डिपो में Train के मूवमेंट के निर्धारण के लिए है। इसका ट्रैक से कोई मतलब नहीं होता। इसे शंट सिग्नल कहते हैं। इसमें तीन लाइटें लगी होती हैं। जब हॉरिजेंटल लाइट जलती है तो इसका मतलब रुकने का संकेत है। जब दो लाइटें 45 डिग्री के कोण पर जलती हैं तो Train के लिए चलने का संकेत होता है।
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