कहा जाता है कि बोलने से पहले अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए। कही गई बात वापिस नहीं ली जा सकती। काश इस बात पर बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने अमल किया होता तो आज वो मुसीबत में न घिरे होते। Nitish Kumar द्वारा जनसंख्या नियंत्रण पर महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला अब अदालत में पहुंच गया है।
मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में सीएम Nitish Kumarके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने 25 नवंबर को इसपर सुनवाई की तारीख तय की है। बता दें कि Nitish Kumar बुधवार (8 नवंबर) को विधानसभा में अपने बयान को लेकर माफी मांग चुके हैं। जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर के सकरा के रहने वाले वकील अनिल कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री Nitish Kumar के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में बुधवार को परिवाद दायर कराया।
मुख्यमंत्री Nitish Kumar की टिप्पणी को लेकर बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ है। बुधवार सुबह उन्होंने विधानसभा में खुद अपने बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि वे अपना बयान वापस ले रहे हैं और किसी को ठेस पहुंची है तो माफी मांगते हैं। हालांकि, विपक्षी पार्टी बीजेपी मुख्यमंत्री Nitish Kumar के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है। विधानमंडल के दोनों सदनों में बुधवार को भारी हंगामा हुआ।
शिकायतकर्ता अनिल कुमार के मुताबिक सीएम Nitish Kumar ने बिहार विधानसभा में लड़कों और लड़कियों को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। इससे महिलाओं एवं लड़कियों को शर्मसार किया है और उनकी लज्जा भंग की है। संवैधानिक पद पर रहते हुए सीएम के मुंह से ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती है। शिकायतकर्ता ने अपील की है कि अदालत इस मामले में सीएम Nitish Kumar को समन जारी कर उन्हें सजा सुनाए। मुख्यमंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 354(D), 504, 505, 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। कोर्ट इस मामले पर 25 नवंबर को सुनवाई करेगा।
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