मिठाई में Rasgulle तो सबको पसंद होते हैं। मीठा खाने के शौकीन लोग तो अकेले कई Rasgulle खा जाते हैं। अगर आपसे कोई पूछे की एक बार में कितने Rasgulle खा सकते हैं तो इसके लिए सबके जवाब अलग- अलग हो सकते हैं। लेकिन अगर कोई कहे कि पूरे परिवार के लिए सिर्फ एक रसगुल्ला ही काफी है तो यह सुन कर आप सभी हैरान हो जाएंगे। गया की एक दुकान है जिसके Rasgulle इतने बड़े होते हैं कि लोग पूरे परिवार के लिए सिर्फ एक रसगुल्ला ले जाते हैं।
गया के पंचानपुर में पंडितजी के रसगुल्ले (Rasgulle) की बात ही कुछ और होती है। मीठा खाने के शौकीन लोग दूर- दूर से पंडितजी के Rasgulle खाने इनकी दुकान पर पहुंचते हैं। इसका नाम ‘गल्फार रसगुल्ला’ है। पंडितजी के दुकान पर 50 ग्राम से लेकर डेढ़ किलो तक का रसगुल्ला मिलता है। पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्णा आडवाणी से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी इस ‘गल्फार रसगुल्ला’ का स्वाद ले चुके हैं। सन 1969 में पंडित रामचंद्र मिश्रा ने पंचानपुर मोड़ पर यह दुकान खोली थी। सन 1999 में रामचंद्र मिश्रा का निधन हो गया जिसके बाद उनके 4 पुत्रों ने इसकी ज़िम्मेदारी संभाली और दुकान चल निकली।
पंडित रामचंद्र मिश्रा के पुत्र अनिल कुमार मिश्रा बताते है की आज के तारीक में भी पिता जी के बताए तरीके के साथ ही शुद्धता से रसगुल्ला बनाया जाता है। उस समय से ही 50 ग्राम से लेकर डेढ़ किलोग्राम तक का रसगुल्ला बनाया जाता है। 50 ग्राम वाले Rasgulle बनाने में करीब आधे घण्टे का समय लगता है वही डेढ़ किलोग्राम वाले Rasgulle बनाने में 4 घंटे का समय लगता है। प्री- बुकिंग कराने पर इसे विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। ज्यादातर लोग इस बड़े Rasgulle को गिफ्ट देने के लिए ले जाते हैं।
अनिल बताते हैं कि उनकी दुकान के Rasgulle हर वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता लालकृष्णा अडवाणी, पूर्व राजयपाल निखिल कुमार, मुख्यमंत्री नितीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी तक ने यहां के Rasgulle का स्वाद चखा है।
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