आज समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री Mulayam Singh Yadav हमारे बीच नहीं हैं लेकिन देश के लिए किए गए उनके कामों को भुला पाना मुश्किल है। यही वजह है कि Mulayam Singh Yadav को मरणोपरांत पद्मविभूषण सम्मान दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान उनके बेटे और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष Akhilesh Yadav ग्रहण करेंगे।
गणतंत्र दिवस के मौके पर इस साल पद्म पुरस्कार के लिए सपा के संस्थापक Mulayam Singh Yadav के नाम का ऐलान हुआ तो समाजवादी पार्टी ने इसका स्वागत करने के साथ ही भारत रत्न दिए जाने की मांग उठा दी। सपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि सपा संस्थापक Mulayam Singh Yadav का योगदान बहुत बड़ा है। उन्हें भारत रत्न ही दिया जाना चाहिए था। Mulayam Singh Yadav की बहू और सांसद डिंपल यादव ने भी भारत रत्न की मांग उठाते हुए कहा था कि जिस तरह नेताजी का कद था, उससे उन्हें पहले ही भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। मेरा सरकार से अनुरोध है कि नेताजी को भारत रत्न मिले। Mulayam Singh Yadav के छोटे भाई और सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भी का था कि वह और पार्टी का हर कार्यकर्ता चाहता है कि नेताजी को भारत रत्न मिले।
समारोह में शामिल होने के लिए Akhilesh Yadav अपनी पत्नी और मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। बता दें कि पद्म पुरस्कारों के लिए राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह बुधवार (5 अप्रैल) को ही आयोजित किया गया है। पद्म पुरस्कारों की घोषणों इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई थी। कुल 106 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना है। इसमें छह को पद्म विभूषण, नौ को पद्म भूषण और 91 को पद्मश्री सम्मान दिया जाना है। इस बार पद्म पुरस्कार विजेताओं में 19 महिलाएं शामिल हैं। सात व्यक्तियों को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार मिला है।
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