ज़िंदगी के आख़िरी लम्हों में भी मुस्कुरा रही थीं Lata Mangeshkar

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जो इस ज़मीन पर आया है उसे एक न एक दिन जाना है। अब सुर कोकिला Lata Mangeshkar हमारे बीच नहीं हैं। रह गईं हैं तो बस उनसे जुड़ी यादें। Lata Mangeshkar के आख़िरी वक्त पर उनका इलाज डॉक्टर प्रतीत समदानी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह इलाज के लिए कभी आनाकानी नहीं करती थीं। उनको जो भी जरूरी ट्रीटमेंट बताया जाता, हमेशा तैयार रहती थीं।

डॉक्टर ने Lata Mangeshkar के आखिरी वक्त के बारे में भी बताया। Lata Mangeshkar को जनवरी में Corona हुआ था। करीब 1 महीने इलाज के बाद उनका 6 फरवरी को निधन हो गया। डॉक्टर प्रतीत ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल से हैं। Lata Mangeshkar का इलाज वहीं चल रहा था। बता दें कि डॉक्टर प्रतीत समदानी Lata Mangeshkar का बीते 3 साल से इलाज कर रहे थे। उन्होंने बताया, जब भी लताजी की तबीयत बिगड़ती, मैं उनका इलाज कर रहा था। लेकिन इस बार उनकी तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। हमने अपनी कोशिश जारी रखी लेकिन उन्हें बचा नहीं सके।

डॉक्टर ने बताया कि जब Lata Mangeshkar ऐडमिट होतीं तो हमेशा कहती थीं, सबकी देखभाल बराबरी से होनी चाहिए। साथ ही उनको जो भी ट्रीटमेंट दिया जाता उसके लिए तैयार रहती थीं कभी मना नहीं करती थीं।

Lata Mangeshkar के साधारण व्यक्तित्व के बारे में डॉक्टर समदानी ने बताया, मैं हमेशा उनकी मुस्कुराहट याद रखूंगा। आखिरी वक्त पर भी उनके चेहरे पर मुस्कुराहट थी। बीते कुछ वक्त से उनकी हेल्थ ठीक नहीं थी तो वह ज्यादा लोगों से मिल नहीं पा रही थीं। जब से मैं उनका इलाज कर रहा था, लता दीदी बहुत कम बोल पाती थीं। हालांकि इस बार ऊपरवाले का कुछ और ही प्लान था और वह हमें हमेशा के लिए छोड़कर चली गईं।

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