देश में आज Republic Day (गणतंत्र दिवस) की धूम है। सारा देश जश्न में डूबा है। भारत सरकार ने 128 लोगों को पद्म पुरस्कार(Padma Awards) देने का ऐलान किया है। हालांकि सीपीएम नेता Buddhadeb Bhattacharjee समेत तीन लोगों ने इसे अस्वीकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPIM) नेता बुद्धादेब भट्टाचार्य(Buddhadeb Bhattacharjee) ने कहा है कि उन्हें Padma Bhushan के लिए नामांकित किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन ऐसा हुआ तो वह इस सम्मान को स्वीकार नहीं करेंगे।
बुद्धादेब भट्टाचार्य के अलावा दो और लोगों ने Padma Awards ठुकराए हैं। तबलावादक पंडित अनिंदो चटर्जी ने कहा है कि उन्हें पद्मश्री की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। एक बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से इस बारे में फोन आया था लेकिन उन्हें अपमानित महसूस हुआ और उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। उनके अलावा जानीमानी गायिका 90 वर्षीया संध्या मुखोप्पाध्याय ने भी पद्मश्री ठुकराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि 75 वर्ष के लंबे करियर के बाद अगर सरकार को लगता है कि वह पद्मश्री के लायक हैं तो उन्हें यह पुरस्कार नहीं चाहिए। बातचीत में उन्होंने कहा, “वे लोग (इनकार की) वजह जानना चाहते थे तो मैंने कहा मुझे नहीं चाहिए, यह मेरे लिए अपमान है। वे यह तक नहीं जानते कि इतने सालों में मैंने क्या काम किया है। ना वे मुझे जानते हैं ना भारतीय संगीत को। इतने सालों बाद अगर अब वे मुझे पुरस्कार देना चाहते हैं जबकि मैं मंच पर खड़ी भी नहीं हो सकती, तो मैं यह पुरस्कार कैसे ले सकती हूं?”
Padma Awards का ऐलान करने से पहले नामांकित व्यक्तियों से सहमति ली जाती है। पहले भी कई बड़ी हस्तियां ये पुरस्कार लेने से इनकार कर चुकी हैं। 2015 में फिल्म लेखक सलीम खान ने कहा था कि उन्होंने इसकी पेशकश ठुकरा दी थी। 2005 में इतिहासकार रोमिला थापर भी यह पुरस्कार अस्वीकार कर चुकी हैं। इससे पहले 1974 में मिला अपना पुरस्कार थापर ने 1984 में तब वापस कर दिया था जब भारतीय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे को घेर लिया था। 1984 में ही लेखक खुशवंत सिंह ने भी स्वर्ण मंदिर पर सेना की चढ़ाई का विरोध करते हुए 1974 में मिला अपना Padma Bhushan वापस कर दिया था। हालांकि 2007 में उन्हें Padma Vibhushan मिला था। किस-किस को मिले पुरस्कार 2022 के लिए भारत सरकार ने जिन लोगों को Padma Award दिए हैं उनमें देश-विदेश की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हैं। दिवंगत जनरल बिपिन रावत, वैक्सीन तैयार करने वाले कृष्णा इल्ला, सुचित्रा इल्ला और सायरस पूनावाला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नाडेला और गूगल प्रमुख सुंदर पिचाई का नाम इस सूची में शामिल है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी मरोणपरांत Padma Vibhushan दिया गया है। टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखर, अमेरिका में रहने वालीं शेफ मधुर जैफ्री, पैरालिंपिक जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झज्जरिया, धर्मगुरु स्वामी सचिदानंद भी पद्म भूषण पाने वालों में शामिल हैं।
इस साल इन लोगों को मिला Padma Awards
गायक सोनू निगम, ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। आयरलैंड के जॉन स्कॉटस सीनियर स्कूल में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रटगर कोर्टेनहोर्स्ट और थाईलैंड की सिल्पाकोर्न यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. चिरापट प्रपंदविद्या समेत दस विदेशियों को Padma Award दिए गए हैं। Padma Awards की सूची में कुल 128 नाम हैं। चार लोगों को Padma Vibhushan दिया गया है जबकि 17 लोगों को Padma Bhushan वहीं बाकी को पद्म श्री से पुरस्कृत किया गया है। पुरस्कार पाने वालों में 34 महिलाएं हैं। भारत रत्न के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की गई।
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