भैया दूज के अवसर पर Kedarnath और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज (15 नवंबर) को बंद कर दिए गए हैं। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे। विदित हो कि गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर (मंगलवार) को बंद कर दिए गए।
शीतलहर तथा बर्फ के बीच श्री Kedarnath धाम के कपाट प्रात: साढ़े आठ बजे विधि- विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। आजकल श्री केदारनाथ क्षेत्र बर्फ की चादर ओढ़े है। वहीं कपाट बंद के के समय मौसम साफ रहा। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से Kedarnath गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान Kedarnath की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।
यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होगी तथा यहीं पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। जिसके बाद अगले साल पुनः अक्षय तृतीया के पर्व पर ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
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