पूरी तैयारी के बावजूद स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा EOS-03 उपग्रह का प्रक्षेपण नाकाम रहा। इससे इस मिशन को झटका लगा है। इंजन में खराबी के कारण ISRO का महत्वाकांक्षी मिशन पूरा नहीं हो सका।

ISRO EOS-03 उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा है। ISRO ने पुष्टि की है कि जीएसएलवी एमके. 2 लॉन्च आज क्रायोजेनिक चरण में देखी गई खराबी के कारण विफल रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के बाद से किसी भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण में यह पहली विफलता है। इससे पहले ISRO के लगातार 14 मिशन सफल रहे।

इसे अंतरिक्ष से धरती की निगरानी करनी थी, इसीलिए इसे भारत की सबसे तेज आंखें भी कहा जा रहा था लेकिन मिशन अधूरा ही रहा गया। ISRO ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह EOS-03 का प्रक्षेपण शुरू किया था। पहले दो चरण में ये कामयाबी के साथ आगे बढ़ा, लेकिन तीसरे चरण में इसके क्रायोजेनिक इंजन में खराबी आ गई। बता दें कि कुछ तकनीकी खराबी की वजह से ISRO को आंकड़े मिलने बंद हो गए। इसके बाद ISRO प्रमुख ने ऐलान किया कि यह मिशन आंशिक तौर पर विफल हो गया है।

इससे पहले 28 फरवरी को ISRO ने साल के पहला मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को Sriharikota Space Centerसे पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हो हुआ था।

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