नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। किसानों और सरकारों के बीच आज भी पांचवें दौर की बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। नए कृषि कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने के लिए किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बैठक हुई। हालांकि यह बैठक भी पहले के चार बैठकों की तरह ही बेनतीजा रही और कोई समाधान नहीं निकल सका। अब 9 दिसंबर को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बाचतीच होगी।
इस बीच, खबर यह भी है कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में केंद्र सरकार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वो हिंसा के रास्ते पर जा सकते हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं, अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. हम अहिंसा के रास्ते पर नहीं रह पाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं?
बता दें दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक के बीच लंच ब्रेक हुआ, लेकिन किसान कैंटीन की तरफ नहीं गए, बल्कि उनके लिए एक ट्रक खाना लेकर विज्ञान भवन पहुंचा। जिसे किसान नेताओं ने विज्ञान भवन में कुर्सी मेज की जगह फर्श पर बैठकर अन्न ग्रहण किया। इससे पहले, 3 दिसंबर की बैठक के दौरान भी किसान नेताओं ने सरकारी लंच ठुकराकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उनका कहना था कि वह सरकारी पैसे की न चाय पिएंगे और न ही लंच करेंगे। वे विज्ञान भवन में लंच करने नहीं, बल्कि अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए आए हैं। किसान नेता लंच ठुकराकर यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें सरकार से मांगों के सिवा और कुछ मंजूर नहीं।