दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के लिए ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ (Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana) केंद्र सरकार के ऐतराज के बाद आखिर किस प्रकार शुरू की जा सकती है, इसको लेकर CM केजरीवाल ने शनिवार को बुलाई एक बैठक में अहम निर्णय लिया जिसमे इस योजना से नाम हटाने की बात कही गई है।
बैठक के बाद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस महीने की 25 मार्च से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ के नाम से दिल्ली में एक क्रांतिकारी योजना चालू होनी थी। हम सब लोग जानते हैं कि सरकार गरीबों को सस्ता राशन देती है। अब तक लोगों को दुकानों पर राशन मिलता था। राशन लेने के लिए लोगों की काफी लंबी-लंबी कातर लगती हैं। राशन की दुकानों में अनाज में मिलावट होती है और दुकानदार कई बार ज्यादा पैसे लेते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने काफी लोगों से बात करने के बाद कुछ वक्त पहले समाधान निकाला कि जितना गेहूं बनता है, जितना चावल बनता है वो उसे बोरी में पैक करके घर पहुंचा दें तो राशन बंटवारे को लेकर जो समस्या है वह हल हो जाएगी।
दिल्ली में ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ शुरू करने का फैसला लिया गया। इसे 25 मार्च से शुरू करना था, मगर शुक्रवार को दोपहर में केंद्र सरकार से हमारे पास एक चिट्ठी आई है कि आप ये राशन योजना लागू नहीं कर सकते हैं। क्यों नहीं लागू कर सकते यह जानकर हमें धक्का लगा?
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चिट्ठी में कारण बताया गया है कि इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ नहीं रख सकते है। लगता है केंद्र सरकार को शायद मुख्यमंत्री शब्द से आपत्ति है। हमें कोई क्रेडिट नहीं चाहियें। चिट्ठी में लिखा है कि मुख्यमंत्री लिखे होने से यह योजना राज्य सरकार की लगेगी। मैं साफ-साफ सबको बताना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार किसी क्रेडिट के लिए काम नहीं कर रही है।
आज सवेरे मैंने अधिकारियों के साथ बैठक की और इस योजना से नाम हटाने के लिए कह दिया है। बस पहले जो राशन आता था वह दुकानों के जरिये बंटता था, अब उसे सीधे घर-घर पहुंचाएंगे। मैं समझता हूं कि इस फैसले के बाद केंद्र सरकार की जो आपत्तियां थीं वो दूर हो जाएंगी और केंद्र सरकार इसे लागू करने के लिए मंजूरी दे देगी।
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