Anti Conversion Law हुआ लागू, अब शादी के लिए धर्म छुपाया तो होगी 10 साल तक की कैद

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बड़ी आसानी से अपना धर्म छुपा कर किसी मासूम की ज़िंदगी ख़राब करने वालों के लिए अब थोड़ी परेशानी बढ़ गई है। शादी के लिए अब धर्म छिपाया तो होगी 10 साल तक की कैद। ये कोई मज़ाक नहीं बल्कि हकीक़त है। हरियाणा सरकार ने बल, अनुचित प्रभाव या लालच के दम पर धर्म परिवर्तन के खिलाफ अपने कानून को लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है।

Anti Conversion Law के प्राविधानों के तहत जिलाधिकारियों को एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करना होगा। धर्मांतरण करने वाले को भी आपत्तियां आमंत्रित करनी होंगी। राज्य विधानसभा ने इस साल मार्च में हरियाणा में अवैध धर्म परिवर्तन रोकथाम विधेयक पारित किया था। धर्मांतरण विरोधी कानून को अब राज्यपाल की मंजूरी के एक महीने बाद अधिसूचित कर दिया गया है।

Anti Conversion Law के प्राविधानों के मुताबिक, यदि धर्मांतरण प्रलोभन, बल प्रयोग, जबरदस्ती या धोखाधड़ी के माध्यम से किया जाता है, तो एक से पांच साल तक की कैद और एक लाख रुपये से कम के जुर्माने का प्रावधान है। दिलचस्प यह कि इस प्रलोभन डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल भी शामिल है। कानून कहता है कि शादी करने के इरादे से अपने धर्म को छिपाने वाले को कम से कम तीन से 10 साल की कैद की सज़ा दी जाएगी। यही नहीं दोषी को कम से कम तीन लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा।

कानून में गलत सूचना देकर सामूहिक धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच साल की सज़ा का प्राविधान है। गंभीर अपराध में इस सज़ा को बढ़ाकर दस साल भी किया जा सकता है। कानून के अनुसार दोषी शख्स को कम से कम चार लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में मंजूरी देने के बाद हरियाणा धर्म परिवर्तन की रोकथाम नियम, 2022 को अधिनियम के तहत 15 दिसंबर को लागू करने के लिए अधिसूचित किया था। हिमाचल और उत्तर प्रदेश समेत भाजपा शासित राज्यों में इसी तरह के विधेयक पारित किए गए हैं।

कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो दूसरा धर्म अपनाना चाहता है, उसे इस तरह के परिवर्तन से पहले, उसे अपने जिला मजिस्ट्रेट को फॉर्म में घोषणा पत्र देना होगा, जहां वह स्थायी रूप से रह रहा है। यदि धर्मांतरण का इरादा रखने वाला व्यक्ति नाबालिग है, तो माता-पिता या दोनों में से जो भी जीवित हो, उनका घोषणा-पत्र दाखिल करना होगा। कोई भी धार्मिक पुजारी या अन्य व्यक्ति जो अधिनियम के तहत धर्मांतरण का आयोजन करना चाहता है, उसे उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को फॉर्म सी में पूर्व सूचना देनी होगी, जहां इस तरह के धर्मांतरण का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद जिलाधिकारियों को एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करना होगा और आपत्तियां आमंत्रित करनी होंगी।

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