एक वक़्त था जब बच्चे खुद ही पढ़ लिया करते थे लेकिन अब वक़्त बदल चुका है मां बाप बच्चों के लिए बहुत कुछ करते हैं और चाहते हैं कि हमारा बच्चा भी स्कूल में टॉप करे। इसके लिए वे उसे बड़े से बड़े स्कूल में डालते हैं ताकि उसका मानसिक और बौद्धिक विकास होने के साथ ही वह हर तरह की एकेडेमिक परीक्षा में सफल हो सके, लेकिन कई बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। इस कारण वे सामान्य परीक्षाओं में भी उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। अगर आपके बच्चे के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो इसके पीछे Vastu Dosh हो सकता है।
बच्चा घर में जिस जगह बैठकर पढ़ रहा है या जहां उसका स्टडी रूम है, वहां यदि कोई Vastu Dosh हुआ तो संभव है कि बच्चा पढ़ाई पर ध्यान एकाग्र ना कर पाए। वास्तुशास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है भारतीय वास्तुशास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है। यदि स्टडी रूम का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहेगा तो बच्चों का मन पढ़ाई में भी अच्छी तरह लगा रहेगा। लेकिन यदि स्टडी रूम या बच्चा जिस जगह बैठकर पढ़ाई करता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा है तो बच्चा ठीक से पढ़ नहीं पाएगा।
आज हम आपको स्टडी रूम के Vastu Dosh को दूर करने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनसे बच्चे का मन पढ़ने में लगने लगेगा और वह सभी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने लगेगा।
- पढ़ाई करने की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है, विद्यार्थियों को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व कोना) की ओर मुंह करके पढ़ाई करनी चाहिए। यदि इस दिशा में पढ़ाई करना संभव न हो तो पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके पढ़ाई कर सकते हैं।
- यदि स्टडी रूम में खाना खाया हो, चाय नाश्ता भी किया हो तो जूठे बर्तन, प्लेट आदि को पढ़ाई करने से पहले वहां से हटा देना चाहिए।
- स्टडी रूम में पूर्व-उत्तर की ओर खिड़की होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
- आस-पास का वातावरण शुद्ध रखें।
- पढ़ाई करते समय अपने आस-पास का वातावरण शुद्ध होना चाहिए, लेकिन इसके लिए कमरे में कृत्रिम परफ्यूम का इस्तेमाल बिलकुल ना करें। इसके लिए सुगंधित ताजे फूल स्टडी रूम में रखे जा सकते हैं।
- पढ़ाई की टेबल पर सिर्फ बच्चे की पढ़ाई से संबंधित सामग्री ही होनी चाहिए। अनावश्यक सामग्री को तुरंत हटा देना चाहिए।
- स्टडी रूम साफ-सुथरा हो, पर्दे, बेड की चादर आदि साफ हो। कमरे में फटे कागज, पुराने पेपर आदि ना हो।
- पढ़ने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। सुबह 5 बजे से लेकर 9 बजे तक के समय में पढ़ना सबसे अच्छा माना गया है।
- अपने स्टडी रूम में में बच्चे अपने पसंदीदा देवी-देवता की तस्वीर लगा सकते हैं। मां सरस्वती या गणेशजी की फोटो भी लगा सकते हैं।
- स्टडी रूम में किताबें दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में रख सकते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा के कोने में हल्के सामान रखना चाहिए।
- इस रूम का कलर हल्का पीला या सफेद होगा तो सबसे अच्छा रहेगा। गहरे रंगों के उपयोग से बचना चाहिए।
- स्टडी टेबल के सामने दर्पण ना हो।
- रूम ऐसी जगह हो जहां प्राकृतिक प्रकाश पर्याप्त मात्रा में आता हो।
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