हर मज़हब के कुछ क़ायदे कानून हैं जिन्हें मानना ज़रूरी होता है। आज कल शादियों में न जाने क्या क्या होता है। अपनी ख़ुशी के लिए लोग नाच गाना भी करते हैं। नाच गाने के लिए डीजे भी बजाया जाता है। वहीं Uttarakhand जामा मस्जिद हल्द्वानी के शहर इमाम शेख मोहम्मद आजम कादरी ‘बरेलवी’ ने कहा है कि यदि शहर में बारात के दौरान डीजे बजाया गया तो निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा।
शहर इमाम ने कहा कि यदि समाज में कोई व्यक्ति इस नियम को तोड़ता है तो उस परिवार का सामाजिक बॉयकाट किया जाएगा। शहर के इमामों और आलिमों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस नियम को शहर में सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।
शहर इमाम ने जारी बयान में कहा है कि इस वक्त हमारी कौम शादी-ब्याह के मौके पर शरीअत के खिलाफ बहुत सारे काम और रस्में अंजाम दे रही है। जिसमें कुछ काम शरीअत के हिसाब से ना-जायज़ व ह़राम तक होते हैं। जैसे नाच, गाना, ढोल-बाजे, डीजे और आतिशबाजी वगैरह। ऐसी गैर शरई चीज़ों को रोकना हमारी ज़िम्मेदारी है।
जानें, क्या हैं पाबंदियां
- लड़कियों के बारात का स्वागत करने की परंपरा को बंद किया जाएगा।
- वलीमे में दूल्हा और दुल्हन स्टेज पर बे-परदा बैठते हैं और पराये लोगों के सामने दुल्हन की नुमाइश की जाती है, इसे भी पूरी तरह से बंद किया जाएगा।
- गाना, ढोल-बाजे और डीजे वगैरह पर पाबंदी को सख़्ती से लागू किया जाएगा।
- इमाम कादरी ने कहा कि यदि इन तीनों नियमों का कोई भी मुस्लिम परिवार सख्ती से पालन नहीं करता है, तो उसका बायकाट होगा ऐसे परिवारों के यहां न निकाह पढ़ाया जाएगा और नहीं कुरानख्वानी और फातिहा की जाएगी।
- ऐसे परिवारों की खुशी या गमी के हर आयोजन का ही नहीं बल्कि नियम तोड़ने वाले इमामों का भी बायकाट किया जाएगा।
- अगर किसी शादी में शरीअत के खिलाफ कोई भी काम किया गया तो उसमें काज़ी-ए-शहर की सरपरस्ती में एक टीम आलिमों और ज़िम्मेदारों की पहुंचेगी। वहीं शादी में खुल्लम-खुल्ला सबके सामने बायकाट किया जाएगा। इसलिए इन तमाम गैर-शरई चीज़ों से खुदा के वास्ते बचें।
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