भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के तहत कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने आरोप लगाया है कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर “व्यवस्थित हमला” हो रहा है। Rahul Gandhi ने कहा कि बातचीत को बाधित किए जाने के कारण ‘‘सरकार की नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां’’ देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं।
Rahul Gandhi ने कहा, ‘‘हमारे लिए भारत तब ‘जीवंत’ होता है, जब भारत बोलता है और जब भारत चुप हो जाता है, तब यह ‘बेजान’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है-संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा क़ब्ज़ा किया जा रहा है।’’
Rahul Gandhi ने कहा, ‘‘बातचीत को बाधित किए जाने के कारण ‘‘सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां’’ इन रिक्त स्थानों में प्रवेश कर रही हैं और देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं।’’
Rahul Gandhi ने भारत में धर्मनिरपेक्षता से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे समस्या तब होती है, जब भारत को लेकर किसी के दृष्टिकोण में लोगों को बाहर कर दिया जाता है। मुझे इससे ऐतराज़ नहीं है कि किसे बाहर रखा जा रहा है, बल्कि मुझे समस्या इस बात से है कि लोगों को बाहर करने में ज़बरदस्त ऊर्जा खर्च की जा रही है, जो अनुचित है। मुझे समस्या इस बात से भी है कि यह वास्तविक भारत नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ‘‘हिंदू राष्ट्रवाद’’ की विचारधारा से लड़ने की योजना कैसे बना रही है, Rahul Gandhi ने कहा कि वह इस शब्द से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें ‘हिंदू’ जैसा कुछ नहीं है और वास्तव में इसमें कुछ भी राष्ट्रवादी नहीं है। मुझे लगता है कि आपको उनके लिए एक नया नाम सोचना होगा, लेकिन वे निश्चित रूप से ‘हिंदू’ नहीं हैं। आपको यह बताने के लिए मैंने हिंदू धर्म का विस्तार से अध्ययन किया है। लोगों की हत्या करना और उन्हें पीटना ‘हिंदू’ होना नहीं है।’’
Rahul Gandhi ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री को लेकर मेरी समस्या यह है कि वे भारत के मूलभूत ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जब आप ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं, जब आप 20 करोड़ लोगों को अलग-थलग करते हैं तो आप कुछ बेहद खतरनाक कर रहे हैं और आप कुछ ऐसा कर रहे हैं, जो मूल रूप से भारत के विचार के ख़िलाफ है।’’
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