नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज बुधवार 9 दिसंबर,2020 को 14वां दिन है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर अब भी डटे हुए हैं। किसान अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए राजी नहीं है और उनकी सरकार से 5 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इन सबके बावजूद समाधान कहीं भी नहीं दिख रहा। भारत बंद के एक दिन बाद नए कृषि कानून पर किसानों और सरकार के बीच आज बुधवार 9 दिसंबर होने वाली छठे दौर की वार्ता टल गई है। दोनों पक्षों के बीच अब गुरुवार 10 दिसंबर को बातचीत हो सकती है। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में आज 14वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर अब भी धरने पर बैठे हैं। इस कारण आज भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगे दिल्ली के बॉर्डर बंद रहेंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के बीच मंगलवार देर शाम को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक की खबर आई। किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे। बैठक रात आठ बजे शुरू हुई, लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही। अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे।
वहीं किसान सीधे कानून रद्द करने के लिए हां या ना में जवाब चाहते हैं लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सरकार कानून में संशोधन के प्रस्ताव लिखित में आज किसानों को देगी जिसपर किसान दोपहर बारह बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे। बता दे की नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला।