आज देश दुनिया में ईद(Eid) का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। भाईचारे और आपसी प्रेम का संदेश देने वाला Eid का पर्व एक महीने के कठिन रोज़े(व्रत) रखने के बाद मनाया जाता है। इस दिन ईदगाह की नमाज़ के साथ ही त्यौहार की शुरुआत होती है। Eid से एक दिन पहले लड़कियां व महिलाएं अपने हाथों को मेहंदी लगवाती हैं। Eid के दिन लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा ज़कात के तौर पर गरीबों में बांटते हैं। एक-दूसरे के गले मिलते हैं और Eid की मुबारकबाद देते हैं। बहुत से लोग तो आज के दिन अपने दोस्त-रिश्तेदारों के लिए दावत का भी आयोजन करते हैं।
Eid Ul Fitr की नमाज़ को सलत अल-ईद भी कहा जाता है। ये नमाज़ Eid के मौके पर की जाती है। शिया और सुन्नी मुसलमान ये नमाज़ अपने-अपने तरीके से अदा करते हैं। अरबी में Eid al-Fitr का अर्थ है ‘रोज़ा तोड़ने का त्यौहार।’ Eid तब तक शुरू नहीं होती है जब तक कि आसमान में चांद दिखाई नहीं दे जाता। आज भी कई मुस्लिम परंपरागत रूप से तब तक ईद की शुरुआत नहीं मानते हैं जब तक चांद नज़र ना जाए।
पूरी दुनिया में Eid Ul Fitr का त्यौहार अलग-अलग दिन और समय पर मनाया जाता है। ये उस देश में चांद दिखने के समय पर निर्भर करता है। कई देशों के मुसलमान अपने स्थानीय समय की बजाय मक्का में चांद दिखने के हिसाब से ही Eid का त्यौहार मनाते हैं। Eid के दिन मुसलमानों न केवल स्वादिष्ट भोजन की दावत देते हैं, बल्कि इस दिन एक-दूसरे को तोहफे भी देते हैं। इनमें पैसे, सामान, घर की चीज़ों से लेकर फूल तक होते हैं जिन्हें ‘ईदी’ कहा जाता है। खासतौर से बच्चों में इस दिन का खास उत्साह रहता है।
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