आज देश दुनिया में Diwali का त्यौहार मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में Diwali उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि पर Diwali का त्योहार मनाया जाता है।
Diwali की शाम को माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, धन के देवता कुबेर और मां काली की पूजा होती है। मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी। कहते हैं कि Diwali की रात पृथ्वी पर भम्रण करती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। Diwali के त्योहार में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि Diwali की रात को माता लक्ष्मी सभी पर कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात देवी लक्ष्मी स्वर्ग से सीधे पृथ्वी पर आती हैं और सभी के घरों में जाती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, रोशनी और विधि-विधान से देवी-देवताओं का पूजन होता है, वहां वास करने लगती हैं। मान्यता है ऐसे घरों में धन का अभाव नहीं होता है।
Diwali 2023 लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त-
- 12 नवंबर को प्रदोष काल पूजन मुहूर्त : शाम में 5:29 मिनट से 8:08 मिनट तक।
- 12 नवंबर वृषभ लग्न : शाम में 6:09 मिनट से 8:04 मिनट तक।
- दीपावली के दिन (12 नवंबर)को चौघड़िया मुहूर्त : दोपहर में 2:44 मिनट से 2:47 मिनट तक।
- घर में लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त अमृत, चार चौघड़िया मुहूर्त : शाम में 5:29 मिनट से 10:26 मिनट तक।
प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीम मुहूर्त को कहा जाता है। शास्त्रों में इस समय को लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन का महत्व होता है।
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