पृथ्वी के पास से गुज़रेगा ‘Dhumketu’, 50 हजार साल बाद दिखेगा ऐसा नज़ारा

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ज़मीन पर कब क्या हो जाए ये तो कोई नहीं जानता लेकिन अंतरिक्ष पर हर चीज़ तय वक़्त में ही होती है। खगोलीय घटनाओं की लिहाज़ से 1 फरवरी की रात बेहद खास होने वाली है। दरअसल एक धूमकेतु (Dhumketu) पृथ्वी के पास से गुज़रने वाला है जिसे भारत के कई हिस्सों से भी देखा जा सकता है। हाल ही में इसे खोजा गया है।

वैज्ञानिकों के बाद यह ‘हरा धूमकेतु’ 50 हजार साल के बाद पृथ्वी के करीब आ रहा है। इससे पहले यह हिमयुग में पृथ्वी के पास आया था। रोमांचित करने वाली बात यह भी है कि इसे बिना टेलीस्कोप के भी देखा जा सकेगा। 2 फरवरी को यह Dhumketu पृथ्वी के सबसे नजदीक रहेगा।

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पुच्छल तारा 50 हजार साल में सूर्य का चक्कर पूरा करता है। 12 जनवरी को यह सूर्य के बेहद करीब था। अब यही Dhumketu पृथ्वी के करीब से गुज़रने वाला है। खगोलविदों के मुताबिक जब पिछली बार यह Dhumketu पृथ्वी के आसमान से गुजरा था तब यहां निएंडरथल मानव रहते थे। पहली बार होगा जब होमो सैपियंस मानव प्रजाति इस चमकीले तारे को देख पाएगी। इस Dhumketu का नाम सी/2022 E-3 (ZTF) रखा गया है।

यह Dhumketu 30 जनवरी से 2 फरवरी तक ओडिशा समेत भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा। पहली बार इसे 2 मार्च 2022 को पहचाना गया था। हालांकि तब बताया जा रहा था कि यह उल्कापिंड है। सूर्य के करीब पहुंचते ही इसकी चमक बढ़ती रही। बाद में पता चला कि यह धूमकेतु है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस धूमकेतु का रंग उसके चारों ओर उपस्थित डायटोमिक कार्बन की वजह से है।

टेलिस्कोप की मदद से अब भी यह Dhumketu नजर आने लगा है। हालांकि 1 फरवरी की रात अंधेरे में इसे देखा जा सकेगा। अब तक मिली तस्वीरों के मुताबिक यह हरे रंग की रोशनी फेंकता नजर आएगा। पैरिस के अंतरराष्ट्रीय ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक यह धूल और बर्फ से बना है। हालांकि इसका हरा रंग बेहद दुर्लभ है। यह पृथ्वी से 2.7 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह भी बताया जा रहा है कि हो सकता है दोबारा कभी यह पुच्छल तारा पृथ्वी से ना दिखाई दे।

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