पति पर सास-ससुर संग न रहकर अलग घर लेकर रहने का दबाव डालना क्रूरता : High Court

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आज के वक़्त में कोई भी लड़की अपने सास-ससुर के साथ एक भी दिन नहीं रहना चाहती। हद तो यहां तक हो गई है कि लड़की वाले शादी से पहले ही ये शर्त भी रख देते हैं कि हमारी बेटी अलग घर में रहेगी। कोई भी लड़का अगर अच्छा कमाता है तो वो पत्नी संग अलग रह भी सकता है लेकिन आज के महंगाई के वक़्त में कोई मिडिल क्लास इंसान इतना नहीं कमाता कि वो अपने माता पिता को भी खर्चा दे और पत्नी के साथ अलग रहकर घर का ख़र्चा भी उठा सके।

माता पिता के साथ रहने पर लड़के को अलग से दूसरे घर का किराया नहीं देना पड़ता साथ ही एक घर में रहते हुए वो अपने माता पिता की देखभाल भी कर सकता है। लेकिन इन सब बातों से लड़की को कोई फर्क़ नहीं पड़ता है।

अब कोई भी लड़की पति को बेवजह तंग नहीं कर सकेगी। यदि कोई महिला अपने पति पर उसके माता-पिता से अलग रहने का दबाव डालती है तो फिर यह तलाक का आधार हो सकता है। कलकत्ता High Court ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही।

एक केस की सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा कि पति पर अपने माता-पिता से अलग रहने का दबाव डालना मानसिक क्रूरता है। ऐसा करना तलाक के लिए पर्याप्त आधार बन जाता है। अदालत ने कहा कि बेटे के लिए यह ज़रूरी है और उसका नैतिक कर्तव्य है कि अपने माता-पिता की देखभाल करे। बेंच ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पैरेंट्स के साथ बेटे का रहना सामान्य बात है।

जानें, High Court क्यों दे रहा है पति का साथ 

बेंच में शामिल जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस उदय कुमार ने इसके साथ ही महिला की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उसने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया था। यह मामला 2009 का है, जब पश्चिमी मिदनापुर की फैमिली कोर्ट ने प्रशांत कुमार मंडल की उनकी पत्नी से तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था। प्रशांत ने पत्नी झरना पर मानसिक क्रूरता का आरोप लगाते हुए तलाक की बात कही थी। इसी फैसले को चुनौती देने वाली पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए High Court ने यह बात कही।

फैमिली कोर्ट ने कहा था कि 2001 में शादी के बाद से ही दोनों के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। झरना ने सार्वजनिक तौर पर प्रशांत की कई बार बेइज्जती की थी और उसे बेरोजगार एवं कायर बताया था। इसके बाद प्रशांत कुमार मंडल ने एक स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था और प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाना भी शुरू किया था। इसकी वजह यह थी कि उसकी कमाई परिवार पालने के लिए कम थी। यही नहीं झरना भी उस वक्त कमाई कर रही थी, लेकिन परिवार की कोई मदद नहीं की। यहां तक कि जब प्रशांत एक सरकारी नौकरी जॉइन करने की तैयारी में थे तो प्रक्रिया के दौरान ही झरना ने उसके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करा दिया था।

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