जिस इंसान का जन्म हुआ है उसे एक न एक दिन मरना भी होगा, ये बात जानने के बाद भी किसी अज़ीज़ की मौत होने पर हम ग़मज़दा हो ही जाते हैं। देश के मशहूर शास्त्रीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा(Shivkumar Sharma) का निधन हो गया है। 84 वर्षीय शर्मा बीते 6 महीनों से किडनी से जुड़ी समस्या से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे। मंगलवार(10 मई) को उनका कार्डिएक अरेस्ट के चलते निधन हो गया।
Shivkumar Sharma को संतूर को एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र के तौर पर स्थापित करने के लिए जाना जाता है। संतूर जम्मू-कश्मीर में प्रचलित वाद्ययंत्र था, जिसे Shivkumar Sharma ने दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया था। उनके निधन से शास्त्रीय संगीत की दुनिया का एक युग समाप्त हो गया है। यह शिवकुमार शर्मा का संतूर वादन ही था कि इस वाद्य यंत्र को भी सितार और सरोद की श्रेणी में माना जाने लगा था। उन्होंने बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ जोड़ी बनाई थी, जिसे संगीत प्रेमियों के बीच शिव-हरि के नाम से जाना जाता था। दोनों ने मिलकर सिलसिला, लम्हे, चांदनी जैसे कई लोकप्रिय फिल्मों के लिए संगीत दिया था।
पंडित Shivkumar Sharma ने महज 13 साल की उम्र में ही संतूर का वादन शुरू कर दिया था। उन्होंने मुंबई में 1955 में पहली परफॉर्मेंस दी थी। उन्हें 1991 में पद्म श्री और फिर 2001 में पद्म विभूषण से नवाज़ा गया था।
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