ख़त्म हुई UP में Bijli हड़ताल, सरकार के आश्‍वासन के बाद बनी बात

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आख़िरकार UP में Bijli कर्मचारियों की हड़ताल खत्‍म हो गई है। संघर्ष समिति ने 72 घंटे के कार्य बहिष्कार आंदोलन का ऐलान किया था जिसे एक दिन पहले ही वापस ले लिया गया है। हड़ताल वापसी के ऐलान के साथ ही ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी Bijli सप्‍लाई ठप हो उसे जल्‍द से जल्‍द शुरू किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हों वे तुरंत वहां जाकर अपनी ड्यूटी सम्‍भालें।

Bijli कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी 72 घंटे की हड़ताल के 48 घंटे के अंदर (शनिवार की रात 10 बजे तक) प्रदेश की बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नज़र आई। Bijli संकट की वजह से कई जिलों में पानी के लिए भी हाहाकार मचा था। लोग, परेशान होकर सड़कों पर उतर आए थे। पूरब से लेकर पश्चिम तक घरों, दफ्तरों और उद्योग-धंधों पर हड़ताल का असर पड़ रहा था। इस बीच रविवार सुबह प्रयागराज के टैगोर टाउन उपकेंद्र से तोड़फोड़ की खबर भी आई। बताया गया कि रात में उपकेंद्र का ताला तोड़ उपकरणों के साथ छेड़छाड़ की गई। प्रयागराज के तेलियरगंज में भी बीती रात Bijli ठप कराई गई। सुबह, बुलाने आए लोगों को देख कर्मचारी दीवार फांदकर भाग गया। जनता की दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने भी हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया था।

शनिवार (18 मार्च) की रात सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा रही थी लेकिन रविवार को जब जल निगम के गेस्ट हाउस में कर्मचारी नेता एक बार फिर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और चेयरमैन एम देवराज के साथ बैठे तो काफी सकारात्‍मक ढंग से बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद Bijli कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल खत्‍म करने की घोषणा कर दी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार पहले भी बातचीत के लिए तैयार थी। आज की वार्ता सकारात्‍मक रही है। सभी कर्मचारियों से अपील है कि तत्काल काम पर लौट जाएं।

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कर्मचारी संगठनों को धन्‍यवाद देते हुए अपील की कि हड़ताल वापस होने के बाद कर्मचारी तत्‍काल काम पर वापस लौटें और जहां कहीं बिजली बाधित है चाहे वो फीडर हो या विद्युत उपकेंद्र हो, उन जगहों को तत्‍काल नियंत्रण में ले लें और जनता की सेवा में जुट जाएं। यह आश्‍वासन भी दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही को वापस लिया जाएगा।

कर्मचारियों को क्‍या आश्‍वासन दिया गया है इस सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति और सरकार के बीच पिछले कई महीनों में कई दौर की बातचीत हुई है। कुछ बातें लिखी हुई हैं और कुछ नहीं लेकिन कर्मचारी संगठनों की जो भी भावनाएं और मांगे हैं उन सब बातों को करके सार्थक परिणाम तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही वर्तमान आंदोलन के दौरान हुई कार्यवाहियों को भी वापस लेने का निर्देश यूपीपीसीएल के चेयरमैन को दिया गया है।

Bijli कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम किसी कीमत पर प्रदेश की आम जनता को तकलीफ नहीं पहुंचाना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। सरकार ने समझौते को लागू करने का आश्वासन दिया है। इसी आधार पर हड़ताल वापस ली जा रही है।

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