भारत में तेजी से चलाए जा रहे कोविड-19 वैक्‍सीनेशन अभियान के बीच Covishield की दो डोज के बीच के अंतर को लेकर काफी बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ब्रिटेन में कोविशील्‍ड वैक्‍सीन की दो डोज के बीच के अंतराल को कम करने की जानकारी मिलने के बाद भारत में भी इसे कम करने की मांग की जाने लगी है। कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी AstraZeneca ने भारत में Covishield की दो खुराकों के बीच 12-16 सप्ताह के गैप का समर्थन किया है।

AstraZeneca Vaccine के क्लीनिकल परीक्षण के मुख्य जांचकर्ता Andrew Pollard ने भारत में कोविशील्‍ड की दो डोज के बीच के अंतराल का समर्थन करते हुए कहा कि Covishield टीका लगवाने के बाद सुरक्षा का स्‍तर तीसरे महीने तक काफी बढ़ जाता है। जांचकर्ता Pollard ने कहा कि दो देशों के बीच कोविड-19 वैक्‍सीन को लेकर तुलना नहीं की जा सकती है।

Oxford वैक्सीन समूह के निदेशक Andrew Pollard ने कहा, दुनियाभर में चलाए जाने वाले Vaccine Campaign का लक्ष्‍य अधिक से अधिक लोगों को टीके की एक खुराक देना होता है। केंद्र सरकार इसी नीति पर काम कर रही है। Professor Pollard ने एस्‍ट्राजेनेका एक डोज वाली वैक्‍सीन व Booster Vaccine पर अभी काम नहीं कर रहा है। कंपनी की कोशिश है कि पहले हर किसी को कोविड-19 वैक्‍सीन की कम से कम एक डोज लगा दी जाए। ब्रिटेन में Covishield खुराकों के बीच अंतर कम करने का जिक्र करते हुए Professor Pollard ने कहा, ब्रिटेन ने अपने यहां कोरोना वायरस संक्रमण वैक्‍सीन के बीच का अंतराल ऐसे समय में कम किया है जब वहां की आबादी का बड़ा हिस्‍सा कोविड-19 वैक्‍सीन लगवा चुका है।

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