आख़िर क्यों नहीं मिल रहा है Delhi को Traffic जाम से छुटकारा, रिसर्च में हुआ ख़ुलासा

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बड़ा शहर ‘Delhi’…, न जाने कितने ही लोग काम के चलते हर दिन यहां आते हैं। या कह लीजिए अलग अलग शहरों से लोग काम की तलाश में यहां आते हैं और पैसा कमाते हैं लेकिन इन सबके बीच Delhi को Traffic की समस्या से जूझना पड़ता है। हाल ही में एक सर्वे में Delhi के लोगों से सवाल पूछा गया था कि उन्हें शहर में सबसे ज़्यादा डर किस चीज से लगता है। जवाब में ज़्यादातर ने ट्रैफिक में फंसने का नाम लिया।

Delhi में Traffic जाम सबसे बड़ी समस्या बन गया है। सड़कों पर घंटों फंसे रहने से आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, जाम अब लोगों की सेहत भी बिगाड़ रहा है। अर्थ सिस्टम साइंस डाटा के मुताबिक, जाम दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारक है। अर्थ सिस्टम साइंस डाटा के अध्ययन के मुताबिक, Delhi की सड़कों पर वाहनों का दबाव, वाहनों की कम गति, गाड़ी की मियाद, सड़क नेटवर्क, ईंधन, गाड़ी चलाने का व्यवहार और जाम मिलकर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं।

ज़्यादा जाम प्रमुख रूप से उन क्षेत्रों में रहता है, जहां कारोबार और दफ्तर चल रहे हैं। ऐसी जगहों पर दिन में भी गाड़ियों की औसत रफ्तार लगभग 29 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। वहीं, बाहरी Delhi की सभी सड़कों पर औसतन रफ्तार इस समय लगभग 35 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है।

Traffic Police ने हाल ही में जाम को लेकर सर्वे किया था। जिसमें खुलासा हुआ कि दिल्ली में 200 ऐसी जगह हैं, जहां पर रोजाना जाम लग रहा है। इसकी प्रमुख वजह अतिक्रमण, सड़क का अचानक कम चौड़ा होना है। द्वारका और पश्चिम में सर्वाधिक सड़कों पर जाम की रोजाना समस्या बनी हुई है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि रात 12 से तड़के 4 बजे तक Delhi की सड़कें सबसे ज्यादा खाली रहती हैं। इस अवधि में वाहनों की औसत गति 51 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। 51 और 29 का आकलन करें तो 22 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रफ्तार कम हो जाती है। सुबह व्यस्त समय (9 से 11 बजे) के बीच रफ्तार (सोमवार से शुक्रवार) लगभग 30 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। शाम 6 से 8 बजे (सोमवार से शुक्रवार) औसत गति लगभग 28 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। रात के समय Delhi की सड़कों पर वाहनों की गति औसत से 46 फीसदी कम रहती है।

शनिवार और रविवार को सड़कों पर सुबह वाहनों की संख्या ज्यादा नहीं रहती, लेकिन शाम को इन दोनों दिनों में भी संख्या ज़्यादा रहती है। जाम की वजह से छुट्टी के दिन भी प्रदूषण बढ़ता है। सुबह के मुकाबले शाम को 40 फीसदी ज्यादा Traffic रहता है। यह अध्ययन 127 तरह के वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन पर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीक आवर में प्रदूषण बढ़ता है। सबसे ज़्यादा प्रदूषण शाम सात से आठ बजे के बीच रहता है।

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