कश्मीर में शांति को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंधों को खत्म किया जा रहा है और उसमें से ही अलगाववादियों नेताओं की रिहाई भी है।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए हुए सरकार को 100 दिन से अधिक होने वाले हैं। लेकिन अभी भी कई सारे अलगाववादी नेताओं को सरकार ने नजरबंद किया हुआ है। लेकिन अब जानकारी आ रही है कि सरकार नजरबंद नेताओं को छोड़ने की तैयारी में है। कश्मीर में शांति को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंधों को खत्म किया जा रहा है और उसमें से ही अलगाववादियों नेताओं की रिहाई भी है। अलगाववादी नेताओं को नजरबंद करना भी कई विपक्षी पार्टियों के लिए मुद्दा बना हुआ था।
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अब तो खुद भारतीय जनता पार्टी के नेता भी इतने लंबे समय तक किसी भी नेता को नजरबंद कर रखने पर सवाल उठाने लगे हैं।
जिसको खत्म करने के लिए केंद्र सरकार कुछ अलगाववादी नेताओं की रिहाई के बारे में विचार कर रही है। जानकारी के लिए बता दें कि तकरीबन 100 दिन पहले केंद्र सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर इतिहास रच दिया था।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर कुछ अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा का हवाला देते हुए नजरबंद कर लिया था। अलगाववादी नेताओं को लंबे समय तक नजरबंद रखने पर कांग्रेस पार्टी और कुछ विपक्षी पार्टी के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का पुरजोर विरोध किया।
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विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने ही नहीं बल्कि अब तो खुद भारतीय जनता पार्टी के नेता भी इतने लंबे समय तक किसी भी नेता को नजरबंद कर रखने पर सवाल उठाने लगे हैं। जानकारी तो यह भी मिली है कि राज्य प्रशासन ने शनिवार को चार से पांच नेताओं को उनके अनुरोध पर कुछ दिन के लिए घर जाने की इजाजत तक दे दी थी। नजरबंद किए गए कुछ नेताओं ने सेहत का भी हवाला दिया है। क्योंकि कश्मीर में इस समय बहुत ज्यादा ठंड पड़ रही है। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के परिवार के सदस्यों ने उनकी सेहत का हवाला देते हुए सरकार से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द छोड़ दिया जाए।